उत्तर प्रदेश के बहराइच ज़िले की सबसे जानी व पहचानी शकसियत लाखों दिलो पर राज करने वाले स्वर्ग़िये डॉक्टर वकार अहमद शाह(पूर्व कैबिनेट मंत्री ऊ.प्र सरकार)
डॉक्टर वकार अहमद शाह का जन्म 26 जुलाई 1940 को ग्राम सोहरवा ज़िला बहराइच में हुआ था पेशे से डॉक्टर श्री शाह ने एक चिकित्सक के रूप में अपने जीवन की शुरुआत की।
स्वर्ग़िये डॉक्टर वकार अहमद शाह जी ने वर्ष 1989 में राजनीतिक जीवन की शुरुआत की और वे जनता दल से जुड़े।
ज़मीनी स्तर पर काम करने के बाद डॉक्टर वकार अहमद शाह जी समाजवादी पार्टी से जुड़े और वर्ष 1993 में उन्होंने अपना पहला विधान सभा चुनाव लड़ा समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के रूप में स्व.शाह जी ने अपने पहले ही चुनाव में बहराइच विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी के ब्रज राज त्रिपाठी को शिकस्त दी और बहराइच सदर सीट से विधानसभा के लिए चुने गए तथा वर्ष 1996 तक वे विधायक रहे।
सन 1996 में एक बार फिर समाजवादी पार्टी के टिकट से स्व. डॉक्टर वकार अहमद शाह जी ने फिर से भाजपा के ब्रज राज त्रिपाठी को शिकस्त दे कर बहराइच सदर सीट पर अपना परचम लहराया और दूसरी बार विधानसभा के लिए चुने गए ।
सन 2002 के चुनाव में स्व. शाह जी ने लगातार तीसरी बार बहराइच सदर सीट भाजपा के श्री सुभाष त्रिपाठी को हारकर अपने नाम की अपने इसी कार्यकाल के दौरान स्वर्ग़िये शाह ने 14 नवंबर 2003 को विधानसभा उपसभापति का कार्यभार सम्भाला तथा इसके बाद वे 19 मई 2004 से 26 जुलाई 2004 तक विधानसभा के कार्यवाहक स्पीकर का पद भी सम्भाला।
3 अगस्त सन 2004 को स्वर्ग़िये डॉक्टर वकार अहमद शाह को माननीय मुलायम सिंह यादव की उत्तर प्रदेश सरकार में श्रम एवं सेवायोजन विभाग का कैबिनेट मंत्री बनाया गया।
जीत की हैट्रिक लगाने के बाद एक बार फिर सन 2007 में बहराइच सदर की जनता ने स्वर्ग़िये शाह पर अपना भरोसा जताया और लगातार चौथी बार उन्हें भारी मतों से विजयी बनाया
अपने जीवन का आख़िरी चुनाव स्व.शाह जी ने सन 2012 में लड़ा और एक बार फिर अपने चहेते नेता को बहराइच की अवाम ने अपनी सर आँखो पर बिठाया
वर्ष 2012 में स्व.डॉक्टर वकार अहमद शाह ने अपने जीवन का आख़िरी चुनाव लड़ा और लगातार पाँचवी बार बहराइच विधानसभा से जीत का झंडा गाड़ा।
2012 में उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव के नेतृत्व में सरकार बनी और एक बार फिर कैबिनेट में स्व.शाह को शामिल किया गया और उन्होंने एक बार फिर श्रम व सेवायोजन विभाग सम्भाला लेकिन इस बार क़ुदरत को कुछ और मंज़ूर था वर्ष 2013 मार्च के महीने में स्व.शाह की तबियत बिगड़ने की वजह से उन्हें गुरुग्राम के मेदांत अस्पताल में भर्ती कराया गया लम्बे इलाज के दौरान स्व.शाह की तबियत लगातार बिगड़ती रही उसके बाद 15 अप्रैल सन 2018 को वो बुरी खबर आइ जिसने पूरे बहराइच ज़िले की जनता को झकझोर कर रख दिया और स्व.श्री शाह ने दुनिया को अलविदा कह दिया।
स्वर्ग़िये डॉक्टर वकार अहमद शाह(पूर्व कैबिनेट मंत्री) का पत्रकार श्रेय शुक्ल के साथ साक्षात्कार
श्रीमती रुबाब सय्यदा का जन्म 15 जून 1950 को उत्तर प्रदेश के मेरठ में हुआ था। पेशे से शिक्षिका श्रीमती रुबाब सय्यदा का विवाह 5 जनवरी 1975 को स्व.श्री डॉक्टर वकार अहमद शाह से हुआ।
श्रीमती रुबाब सय्यदा जी के 1 पुत्र श्री यासर शाह व 1 पुत्री अलवीरा शाह हैं।